Computer of Generations :कंप्यूटर की पीढ़ियाँ
Computer of Generations : कंप्यूटर की पीढ़ियाँ
- First Generations 1949 - 1956
- Second Generations 1956 - 1965
- Therd Generations 1956 - 1975
- Fhorth Generations 1975 - 1990
- Fifth Generations 1990 - Today
इस पीढी के कंप्यूटर का आकार बड़ा था, इसमें इसमें वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया गया था।
इस पीढी का प्रथम कंप्यूटर ENIAC था।
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर :-
ENIAC
- Electronic, Numerical, Integrator, and, Caluculator जिसे 1946 में J.P Eckert तथा जॉन मचली John Mauchly ने प्रथम समान्य उपयोग वाला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर को अमेरिका के पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय (univercity pennsylvania) में बनाया।
मुख्य विशेषताएँ :-
1. पहले के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग करते थे।
2. ये आकार में बहुत बड़े और महंगे होते थे।
3. ये गर्मी अधिक पैदा करते थे और बिजली की खपत ज्यादा होती थी।
4. प्रोग्रामिंग के लिए मशीनी भाषा (Machine Language) का उपयोग होता था।
EDSAC :-
Electronic, Daly, Storage, Automatic, Computer यह कंप्यूटर M.V viks के द्वारा 1946 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय में बनाया गया।
EDVAC :-
Electronic, Discrete, Variable, Automatic, Computer यह 1950 में पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय में बनाया गया।
UNIVAC :-
Universal, Accounting, Companey यह 1951 में Eckert and Mauchly ने बनाया।
LEO :-
Lyons, Electronic, Office पहला व्यवसायिक कंप्यूटर जिसे 1951 में M.V vikes ने बनाया।
IMB 701 And IBM 650 :-
यह 1953 एवं 1954 में International , Business, Machine, Carporation द्वारा बनाया गया।
2. Second Generation 1956 - 1965 ( दूसरी पीढी के कंप्यूटर) :-
सन 1948 मे जान वॉर्डन, वाटर H Brytan and Viliyan V Cyclo ने मिलकर ट्रांजिस्टर का आविष्कार किया। इस पीढी में वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया।
तकनीक: ट्रांजिस्टर (Transistor)
Maim Advantayes :- पहली पीढ़ी की तुलना से आकर में छोटे थे। ज्यादा विस्वासनिय थे। उच्चस्तरीय भाषाये जैसे- Basic, Fartran, Algol आदि प्रयोग की गई। संग्रहण पुर्जों के रूप में Magnatic, Core, Memory, Memory type, Disk आदि प्रयोग किया गया।
मुख्य विशेषताएँ :-
- वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया जाने लगा।
- आकार में छोटा और गति तेज हो गई।
- बिजली की खपत कम हुई और गर्मी भी कम पैदा होती हैं।
- प्रोग्रामिंग के लिए असेंबली भाषा (Assembly Language) का उपयोग होने लगा है।
- उदाहरण : IBM 1401, IBM 7094
3.Third Generation 1965 - 1975 (तीसरी पीढ़ी)
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में IC इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit का प्रयोग किया गया। इसका आविष्कार सन 1958 में जैक कील्वी ने किया।
Main Advantayes of Third Generation Computer :-
ये आकर में और छोटे हो गए। ये अधिक विश्वसनीय थे। गणना का समय माइक्रो सेकंड से नैनों सेकंड हो गया। एक कंप्यूटर पर एक साथ अनेक प्रोग्राम चलाना भी सम्भव हो गया।
विशेषताएँ :- 1.ट्रांजिस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग होने लग। 2. कंप्यूटर का आकार और छोटा हो गया और गति और बढ़ गई।
3. ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) का विकास हुआ।
4. प्रोग्रामिंग के लिए हाई-लेवल भाषाएँ (High-Level Languages) जैसे COBOL, FORTRAN का उपयोग होने लगा।
उदाहरण :- IBM 360, PDP-8
4. Forth Generation of Computer 1975 - 1990 :-
इसमें केवल एक सिलिकॉन की चिप पर कंप्यूटर के सभी एकीकृत परिपथो को लगाया जाता है जिसे microprocessor माइक्रोप्रोसेसर, कहा जाता है माइक्रोप्रोसेसर कंप्यूटर का एक अहम हिस्सा होता है। जिसमें एक माइक्रो चिप पर हज़ारों लाखों ट्रांजिस्टर को समा दिया गया है जिसे माइक्रो कंप्यूटर कहते है।
Advantages :-
- ये आकर में बहुत छोटे होते हैं।
- इसमें बिजली की खपत कम होती है।
- इसमें संग्रहण पुर्जों में सेमीकंडक्टर मेमोरी जैसे- Hard Disk 10 GB क्षमता तक प्रयोग किया गया।
- गति और क्षमता में भारी वृद्धि हुई।
- पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer - PC) का विकास हुआ।
- ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) का उपयोग शुरू हुआ।
5. Fifth Generation of Computer 1990 to Today:-
सुपर कंप्यूटर पंचम पीढी के कंप्यूटर है। भारत में परम अनुराग निर्मित सुपर कम्यूटर हैं जापान के वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर के विकास के लिए अपनी योजना का नाम 127 PS Knowledge Indormation Processing System रखा। माना जाता है कि इनमें सभी दस अरब तार्किक अनुदेश प्रति सेकंड होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने 50 पैसे के सिक्के के बराबर चिप बना ली !इसमें लगभग 40 लाख पुस्तकों के बराबर जानकारी संग्रहित की जा सके।
भारत में कंप्यूटर ( Computer in India):-
भारत में कंप्यूटर का उपयोग बहुत ही देरी से प्रारंभ हुआ। भारत में पहला कंप्यूटर सन 1956 में कोलकाता लगाया गया था जिसका नाम HEC-2M था।
मुख्य विशेषताएँ :-
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग होने लगा।
- 2. कंप्यूटर अब मानवीय सोच और निर्णय लेने की क्षमता रखते हैं।
3. इंटरनेट और नेटवर्किंग का विकास हुआ।
4. कंप्यूटर अब छोटे, तेज और अधिक शक्तिशाली हो गए हैं।

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