प्रिंटर के प्रकार और उनके कार्य
प्रिंटर के प्रकार और उनके कार्य :-
प्रिंटर को उनकी कार्यप्रणाली के आधार मुख्य दो भागों में विभाजित किया गया है, इम्पैक्ट प्रिंटर (Impact Printer) और नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर (Non-Impact Printer) । यह वर्गीकरण इस आधार पर किया जाता है कि प्रिंटर कागज पर छपाई करते समय भौतिक संपर्क (इम्पैक्ट) का उपयोग करते हैं या नहीं। आइए इन दोनों प्रकार के प्रिंटरों के बीच के अंतर को विस्तार से समझते हैं।
इम्पैक्ट एवं नान इम्पैक्ट प्रिंटर में अन्तर :-
इम्पैक्ट प्रिंटर (Impact Printer)
इम्पैक्ट प्रिंटर वे प्रिंटर होते हैं जो छपाई के दौरान कागज पर भौतिक संपर्क (इम्पैक्ट) का उपयोग करते हैं। ये प्रिंटर एक रिबन (स्याही वाला कपड़ा) और पिन या हथौड़े जैसे यंत्रों का उपयोग करके कागज पर अक्षर या चित्र छापते हैं। इम्पैक्ट प्रिंटर की मुख्य विशेषताएं और उदाहरण निम्नलिखित हैं।
विशेषताएं :-
1. भौतिक संपर्क :- इम्पैक्ट प्रिंटर कागज पर छपाई करते समय रिबन और पिन या हथौड़े का उपयोग करते हैं, जो कागज पर दबाव डालते हैं।
2. शोर :- ये प्रिंटर अधिक शोर करते हैं क्योंकि छपाई के दौरान यंत्रों का कागज पर भौतिक संपर्क होता है।
3. बहु-पर्ची प्रिंटिंग :- इम्पैक्ट प्रिंटर एक ही समय में कई परतों (कॉपी) पर छपाई कर सकते हैं, जो बिल, रसीदें, और इनवॉइस के लिए उपयोगी है।
4. धीमी गति :- ये प्रिंटर आमतौर पर धीमी गति से काम करते हैं।
5. कम लागत :- इम्पैक्ट प्रिंटर की लागत कम होती है और ये लंबे समय तक चलते हैं।
उदाहरण :-
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer) :- यह सबसे आम इम्पैक्ट प्रिंटर है, जो छोटे डॉट्स (बिंदुओं) का उपयोग करके अक्षर और चित्र बनाता है।
लाइन प्रिंटर (Line Printer) :- यह प्रिंटर एक पंक्ति (लाइन) को एक साथ प्रिंट करता है और बड़े कार्यालयों में उपयोग किया जाता है।
नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर (Non-Impact Printer) :-
नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर वे प्रिंटर होते हैं जो छपाई के दौरान कागज पर भौतिक संपर्क का उपयोग नहीं करते हैं। ये प्रिंटर स्याही, टोनर, या गर्मी का उपयोग करके कागज पर छपाई करते हैं। नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर की मुख्य विशेषताएं और उदाहरण निम्नलिखित हैं:
विशेषताएँ :-
1. भौतिक संपर्क नहीं :- नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर कागज पर सीधे संपर्क नहीं करते हैं, बल्कि स्याही, टोनर, या गर्मी का उपयोग करते हैं।
2. शांत :- ये प्रिंटर शांत होते हैं क्योंकि इनमें कोई भौतिक संपर्क नहीं होता है।
3. उच्च गति :- नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर तेज गति से प्रिंट करते हैं।
4. उच्च गुणवत्ता :- ये प्रिंटर उच्च गुणवत्ता वाले प्रिंट आउटपुट प्रदान करते हैं, विशेष रूप से रंगीन प्रिंटिंग के लिए।
5. बहु-पर्ची प्रिंटिंग नहीं :- ये प्रिंटर एक समय में केवल एक परत (कॉपी) पर ही प्रिंट कर सकते हैं।
-: उदाहरण :-
इंकजेट प्रिंटर (Inkjet Printer) :- यह प्रिंटर तरल स्याही का उपयोग करता है और कागज पर छोटे बूंदों को छिड़कता है।
लेजर प्रिंटर (Laser Printer) :- यह प्रिंटर टोनर (पाउडर इंक) और लेजर बीम का उपयोग करता है।
थर्मल प्रिंटर (Thermal Printer) :- यह प्रिंटर गर्मी का उपयोग करके थर्मल पेपर पर छपाई करता है।
3डी प्रिंटर (3D Printer) :- यह प्रिंटर त्रि-आयामी वस्तुओं को बनाने के लिए परत दर परत सामग्री जोड़ता है।
प्लॉटर ( Platter) :- प्लॉटर का उपयोग अच्छे-अच्छे गुणवत्ता वाले प्रिंटिंग के लिए किया जाता है इसका प्रयोग बड़े-बड़े चित्र जैसे- मैंप, मास्टर प्लान, कालोनी के नक्शे, बैनर, आदि बड़े- बड़े चित्र आदि बनाने में किया जाता है।
1. उच्च गुणवत्ता वाला आउटपुट :– यह बहुत ही सटीक और साफ प्रिंटिंग प्रदान करता है, खासकर ग्राफिक्स और तकनीकी ड्रॉइंग के लिए।
2. बड़ी साइज की प्रिंटिंग :– प्लॉटर का उपयोग बड़े पोस्टर, बैनर, नक्शे और आर्किटेक्चरल डिज़ाइन प्रिंट करने के लिए किया जाता है।
3. वेक्टर ग्राफिक्स सपोर्ट : – यह वेक्टर ग्राफिक्स का उपयोग करता है, जिससे स्केलेबल और स्पष्ट इमेज तैयार होती हैं।
4. मल्टी-कलर और मोनोक्रोम ऑप्शन – यह ब्लैक एंड वाइट और रंगीन दोनों तरह के आउटपुट दे सकता है।
5. स्वचालित और सटीक कार्य :– प्लॉटर पूरी तरह से ऑटोमेटेड होता है और इसमें बहुत उच्च सटीकता होती है।
प्लॉटर ( Platter) दो प्रकार के होते हैं।
- फ्लैट बैट प्लॉटर (Flat bed plotter)
- ड्रम प्लॉटर (Drum plotter)

Comments
Post a Comment